जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !!
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो “राठौड़ कहलाते है !
रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !!
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